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ज़रूर! एक बार की बात है, एक छोटे

ज़रूर! एक बार की बात है, एक छोटे

 वहाँ पहुँचकर, दीपू को पता चला कि उसके ननिहाल के पीछे ही एक जादुई जंगल है। जंगल के बारे में कई किस्से-कहानियाँ सुनी थीं, जिनमें बात करने वाले जानवरों और जादुई पेड़ों की चर्चा होती थी। दीपू को जंगल में जाने का बहुत मन था, लेकिन उसकी नानी ने उसे मना कर दिया। उसने कहा, "बेटा, वह जंगल बहुत खतरनाक है। वहाँ तुम खो सकते हो या जंगली जानवर तुम्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं।"

लेकिन दीपू हार मानने वाला नहीं था। उसने रात में चुपके से अपने ननिहाल से निकलकर जंगल में प्रवेश किया। जंगल के अंदर, अंधेरा छाया हुआ था और तरह-तरह की आवाजें आ रही थीं। दीपू थोड़ा डर गया, लेकिन उसकी जिज्ञासा ने उसका हौसला बनाए रखा।

वहाँ पहुँचकर, दीपू को पता चला कि उसके ननिहाल के पीछे ही एक जादुई जंगल है। जंगल के बारे में कई किस्से-कहानियाँ सुनी थीं, जिनमें बात करने वाले जानवरों और जादुई पेड़ों की चर्चा होती थी। दीपू को जंगल में जाने का बहुत मन था, लेकिन उसकी नानी ने उसे मना कर दिया। उसने कहा, "बेटा, वह जंगल बहुत खतरनाक है। वहाँ तुम खो सकते हो या जंगली जानवर तुम्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं।"

लेकिन दीपू हार मानने वाला नहीं था। उसने रात में चुपके से अपने ननिहाल से निकलकर जंगल में प्रवेश किया। जंगल के अंदर, अंधेरा छाया हुआ था और तरह-तरह की आवाजें आ रही थीं। दीपू थोड़ा डर गया, लेकिन उसकी जिज्ञासा ने उसका हौसला बनाए रखा।

वहाँ पहुँचकर, दीपू को पता चला कि उसके ननिहाल के पीछे ही एक जादुई जंगल है। जंगल के बारे में कई किस्से-कहानियाँ सुनी थीं, जिनमें बात करने वाले जानवरों और जादुई पेड़ों की चर्चा होती थी। दीपू को जंगल में जाने का बहुत मन था, लेकिन उसकी नानी ने उसे मना कर दिया। उसने कहा, "बेटा, वह जंगल बहुत खतरनाक है। वहाँ तुम खो सकते हो या जंगली जानवर तुम्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं।"

लेकिन दीपू हार मानने वाला नहीं था। उसने रात में चुपके से अपने ननिहाल से निकलकर जंगल में प्रवेश किया। जंगल के अंदर, अंधेरा छाया हुआ था और तरह-तरह की आवाजें आ रही थीं। दीपू थोड़ा डर गया, लेकिन उसकी जिज्ञासा ने उसका हौसला बनाए रखा।

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